Tuesday, April 20, 2010

क्यूँ कहती हो अभी से, भुला दो हमें !!

तेरी यादों का जो ये सिलसिला रहेगा ,
चेहरा होगा सामने तो दिल ये खिला रहेगा !
क्यूँ कहती हो अभी से, भुला दो हमें ,
क्या कभी सोचा , बाद उसके हमारा ,फिर बचा क्या रहेगा !!

जाऊंगा जब भी इस महफ़िल से होकर ,
हमेशा ये यादों का समां सा रहेगा !
अगर भुला दोगी मुझे इस कदर ,
बताओ जवाब तेरा ,इस दुनिया के लिए ,फिर कैसा रहेगा !!

काँप उठेगी तुम्हारी ये जुबां ,
जब जब करोगी प्यार की ये दास्ताँ बयां !
रुक रुक कर आयेगी याद सारे वो लम्हे ,
कभी फुरसत से मिले थे हम तुम जहाँ !!

जहाँ भी जाओगी हम साथ ही मिलेंगे ,
फूलों की हो भंवरा जैसे, लिपटे रहेंगे !
कोशिश ना करना ,हटने की पीछे ,
जब जब तुम्हारा आसरा हम चाहेंगे !!

प्रशांत"पिक्कू"
02:38 AM
16th APRIL 2010

Friday, April 2, 2010

खुदा भी रहता हैरत में ,जब मंदिर से तुम गुजरती हो !!

यूँ जो सज संवर के मेरे सामने आती हो ,
हो जाता हूँ मदहोश ,और मुझे तुम लुभाती हो !
कर देती हो कत्ल मेरा ,जब जुल्फे तुम लहराती हो ,
खोया सा रहता हूँ तेरी यादों में ,जब ओझल से तुम रहती हो !!

हो जाता हूँ बेजुबान मैं ,जब नकाब तुम हटाती हो ,
क्या बताऊँ क्या होता है हाल मेरा ,जब तुम हौले से मुस्काती हो !
ठुमक ठुमक के चलती हो जब , दुनिया को भी मचलाती हो ,
खुदा भी रहता हैरत में ,जब मंदिर से तुम गुजरती हो !!

खो जाता हूँ बेहशत मे मैं भी, जब हुस्न तुम दिखलाती हो ,
लाखों बनते दीवाने तेरे , जब नयनों की वार तुम चलाती हो !
हो जाते हैं मदहोश वो भी ,जिस रास्ते से तुम गुजरती हो ,
हूँ खुशनसीब मैं भी इतना ,की तुम मेरे वादे को बखूबी निभाती हो !!

प्रशांत"पिक्कू"
02/04/२०१०
02:33 AM