Tuesday, May 4, 2010

क्यूँ अपने को बीमार वो ,मेरे लिए बना रही है !!

कितनी खुश है वो सिर्फ मेरे आने की खबर सुनकर ,
तन्हा सी बैठी थी एक अरसे से, जो बेजुबान बनकर !
कर रही थी इंतज़ार हमेशा जो बेसब्रों की तरह ,
आज बड़े दिनों के बाद आवाज में खनक थी दुल्हन की चूड़ियों की तरह !!

कितने अधूरे सपनो की गुत्थी वो सुलझा रही हैं ,
होंगे सपने सारे सच ये मानकर , वो दिल को मना रही है !
क्या होगा आगे उन सपनो की , जाने वो खुदा ,
क्यूँ अपने को बीमार वो ,मेरे लिए बना रही है !!

ना है कोई शक , हूँ मैं भी बीमार उनके लिए ही ,
क्यूँ नही मिलता फुर्सत, मुझे उनसे मिलने के लिये ही !
जाऊँगा पास जब लगने कलेजे से उनके ,
होगी मदहोश और फफक पड़ेंगी वो इस प्यार के लिये ही !!

उमड़ पड़ेगी प्यार की घटायें बादलों की तरह ,
सिचेंगी वो मुझे अपनी मुहब्बत की खुशबू से, मालियों की तरह !!
चहक उठेंगी चिड़िया और उठेंगे खिलखिला के ये धरती, ये आसमान ,
जब उमडेगा ये प्यार की लहर सागरों की तरह !!

प्रशांत"पिक्कू"
30/05/2010
00:13 AM

ले लेगी किस्मत करवट मेरा !!

कब तक ये बाते छुपाती रहोगी ,
ना दिल की बात मुझसे बताती रहोगी !
हो जाएगी मुश्किल बदलने में हालात ,
अगर इस कदर प्यार तुम जताती रहोगी !!

डरना भी क्या है इस दुनिया से ,
जब साथ मैं तेरे होता हूँ !
बिखेर दो बाते दिल की सारी ,
तेरे बातो को आज मैं समझता हूँ !!

मची है हलचल आज दिल में मेरे ,
पर इतनी तुम क्यूँ घबराती हो !
जब भी आती हो पास मेरे ,
तुम इतनी क्यूँ डर जाती हो !!

रख दूंगा दुनिया झुका के कदमो में तेरे ,
अगर एक बार तू हामी भर दे !
ले लेगी लिस्मत करवट मेरा ,
अगर प्यार तू मुझसे इस कदर कर ले !!

प्रशांत "पिक्कू"
28/05/2010
02:50 AM