Tuesday, September 21, 2010

किस हाल में है वो ,खुदा की करतूत है !!

क्यूँ वो मेरे प्यार का इन्तहां ले लिया ,
ना जाने किस गुनाह का सजा खुदा मुझे दे दिया !
मेरी किस्मत में क्घुदा को वो मंजूर था ,
फिर क्यूँ वो चेहरा मेरे इतने करीब ला दिया !!

किया है खुदा ने दूर मुझसे उसे इतना ,
कभी ना देख पाया था सपनो में भी जितना !
है धड़कने थमी सी , है दिल रोता हुआ सा ,
दिखती है मंजिल पर दीखते हैं पग कांपता हुआ सा !!

किस हाल में है वो ,खुदा की करतूत है ,
किया प्यार कितना मैं उससे वो खुदा ही सबूत है !
ना नजरे उठी किसी पे, जब तक उसपे नजरे टिकी रही ,
किया था प्यार इतना उससे ,की दुनिया देखती रही !!

नहीं है दीखता ये सच ,की वो सचमुच जा रहा है ,
मुझसे दूर मुझसे दूर मुझसे बहुत दूर जा रहा है !
है गुजारिश खुदा से रखना सलामत उसे ,
लगे उसे कभी नजर दुनिया के किसी से !!

प्रशांत "पिक्कू"
२५/१०/२०१०
०१:०३ पम