Tuesday, September 21, 2010

किस हाल में है वो ,खुदा की करतूत है !!

क्यूँ वो मेरे प्यार का इन्तहां ले लिया ,
ना जाने किस गुनाह का सजा खुदा मुझे दे दिया !
मेरी किस्मत में क्घुदा को वो मंजूर था ,
फिर क्यूँ वो चेहरा मेरे इतने करीब ला दिया !!

किया है खुदा ने दूर मुझसे उसे इतना ,
कभी ना देख पाया था सपनो में भी जितना !
है धड़कने थमी सी , है दिल रोता हुआ सा ,
दिखती है मंजिल पर दीखते हैं पग कांपता हुआ सा !!

किस हाल में है वो ,खुदा की करतूत है ,
किया प्यार कितना मैं उससे वो खुदा ही सबूत है !
ना नजरे उठी किसी पे, जब तक उसपे नजरे टिकी रही ,
किया था प्यार इतना उससे ,की दुनिया देखती रही !!

नहीं है दीखता ये सच ,की वो सचमुच जा रहा है ,
मुझसे दूर मुझसे दूर मुझसे बहुत दूर जा रहा है !
है गुजारिश खुदा से रखना सलामत उसे ,
लगे उसे कभी नजर दुनिया के किसी से !!

प्रशांत "पिक्कू"
२५/१०/२०१०
०१:०३ पम

4 comments:

  1. waah waah wahhhhhhhh...........
    tu bamega india got tallent ka new tallent...........
    try kr tu ja abi ja mere kavi yar tu mahan hai..heads off to u..........

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  2. sp, kya comment du me tmhe. hal-e-dil byan kar gye yar

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  3. लगे रहिए। काम की चीज है। रसखान,गालिब औऱ फैज बनने के लिए ऐसी ही लगन की जरूरत है।
    मुबारक हो। कवि हैं मतलब संवेदनशील हैं। संवेदनशीलता रिश्तों के लिए सबसे जरूरी पहलू है। यही कवि को भीड से अलग करता है।

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  4. 21 sep 2010 badalkar 21 sep 2011 ho gaya prashant g. aap abhi kaha hain.i m vivek jha. come on on face book. and watch my blog also "vivekmadhuban.blogspot.com". aap likhte rahiye, lekhawat ki sehat achhi hai.

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