Tuesday, December 1, 2009

हँसी है जिसकी फूलों जैसी !

दिल है जिसका साफ़ साफ़ ,
आँखे जिसकी गोल गोल !
जुल्फें जिनकी घनी घनी ,
कौन है वो बोल बोल !!

रंग है जिसका गोरा गोरा ,
बदन है जिसका भड़ा हुआ सा !
है हया जिनके होठों पे ,
बता वो कौन है भला !!

बातें जिसकी मीठी मीठी ,
स्वभाव जिनका मीठा सा !
क़द्र है करती सबों की जो ,
बता ! वो दिखती है कैसा !!

क्या अंदाज़ है , उनके अदाओं का ,
नजरें रखती झुकी हुयी सी !
सब करते तारीफें जिनकी ,
बता ! कहाँ है वो छुपी हुयी सी !!

हंसी है जिसकी फूलों जैसी ,
आँखे भी है झीलों जैसी !
डूब गये हैं इस झील में हम ,
पर पता नहीं क्यूँ दुरी है ये मिलो जैसी !!

सौंदर्य उनका परियों सा ,
है बंधन जिनसे सदियों सा !
रूप हैं उनके बल्ले बल्ले ,
क्या ,आई अब बात तेरे पल्ले !!

ये तारीफें है मेरी महबूबा की ,
जो की करा मैंने बहुत ही कम है !
जानना है और आगे भी कुछ तो ,
आओ, मिलो हमेशा तेरा welcome है !!

प्रशांत पिक्कू
29th Nov. 2009
01:16 AM

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