Saturday, May 2, 2009

और तूं कहती, यह बदल गया !

उन्हें शिकवा है की मैं बदल गया ,
जो पहले था ,वो अब न रह गया !
अरे , मैं नही ये संसार है बदला ,
जरा पास तो आके देख, मैं हूँ कितना बदला !!

सब कुछ वही है ,सिर्फ तेरा सोच है बदला,
कल तक साथ थे , अब हूँ मैं अकेला !
जरा अपने सोच में परिवर्तन तो ला मेरे हमसफ़र ,
और देख कितनी तूं बदली और कितना मैं बदला !!

कब तक यूँ ही जीता रहूँ मैं ,
तेरे वापिस आने के ख्याल में !
जल्दी आ , अब देर न कर ,
मैं तो फंस गया हूँ तेरे जाल में !!

कब तक दुनिया की बातों पे ,
मैं इतना यकीन करूँ !
कहती दुनिया प्रेमी पगला ,
और तूं कहती ,यह बदल गया !!
प्रशांत"पिक्कू"
30th April 2009
04:05 PM

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