ये भी ऐसा प्यार है यारों ,
जो तौलते हैं खुद को तराजू पर !
एक तरफ है घर अपना यारों ,
अपना प्यार है ,दूजे पलडे पर !!
पता नहीं इस असमंजस में ,
मैं क्या क्या कर जाऊंगा !
अगर वो मुझको नहीं मिली ,
तो मैं किसी का नहीं हो पाउँगा !!
डर नहीं मुझे खुद से इतना ,
जितना दुनिया मुझे डराती है !
क्या कहुं इस जिन्दगी का ,
पता नहीं ये ,क्या सब करवाती है !!
कब तक दूर रहूँगा उससे ,
या जल्द ही मैं मिल जाऊंगा !
अगर वो मुझको मिल जाये ,
तो मैं फिर से ही खिल जाऊंगा !!
प्रशांत "पिक्कू"
03rd May 2009
09:21 PM
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