Monday, May 11, 2009

माँ ! एक शब्द ,एक नाम ,एक स्वरुप ,एक काया !

माँ ! एक शब्द ,एक नाम ,
एक स्वरुप ,एक काया !
दुनिया में बस ,वहां ही पाई ,
इतनी करुणामयी छाया !!

सोचो उस माँ को ,जिसने तुझे जन्म दिया है ,
बस प्यार किया है और तेरे ही संग जिया है !
उसकी तो हर सांस ,धड़कन तुम्हारे लिए है ,
कर दिखाओ कुछ ऐसा की लगे वो उनके लिये है !!

सोचो उन अपमानों को जो दिया है जग ने ,
गलत किया है तुने पर भुगता है उन्होंने !
फिर भी ,तुझको ही देखकर मुस्काती है वो ,
बढ़ जाओ हद से आगे तो फिर समझाती है वो !!

इन करुणामयी माँ को अर्पण क्या कर पाओगे ,
यदि सोचोगे इन बातों को तो निश्चय ही दे पाओगे !
एग्जाम में आये अच्छे अंको का एहसास दिला दो ,
और स्वस्थ परिवेश निर्माण का प्रयास दिखा दो !!

बेटा ,ऐसा कुछ भी न करना ,
जिससे इज्जत कम हो सकता है !
पढाई लिखाई कर आगे बढ़ना ,
जिससे मेरी आत्मा को ख़ुशी हो सकता है !!

अमिताभ कुमार लाल दास
10th May2009
10:05 PM

No comments:

Post a Comment