कब तक तेरी बातें मानू,
कब तक तेरा ऐतबार करूँ !
कब तक जानू , तुझको ऐसे ,
बोल , मैं भी तुझसे प्यार करूँ !!
प्यार का मीठा एहसास दिला दे ,
या अब मुझको , तूं जहर पिला दे !
कर सकती नहीं प्यार अगर तो ,
जहाँ दिल लग जाये वो जगह दिला दे !!
जाना नहीं है , दूर अब तुझसे ,
जलती है अब दुनिया मुझसे !
मैं भी ऐसा प्यार करूँगा ,
जानेगी ये अब दुनिया मुझसे !!
कब तक झूठी ताने सुनूंगा ,
इसको तूं हकीकत बना दे !
कर दे यूँ कुछ जादू ऐसा ,
जग को प्रीत की नयीं दास्ताँ सुना दे !!
प्रशांत "पिक्कू"
2nd May 2009
00:26 AM
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