आतंकवाद का हाल ये देखो ,
किस तरह यूँ फ़ैल रहे हैं !
अच्छे , बुरे में भेद ना समझे ,
सबको ये बिगाड़ रहे हैं !!
क्या बेरोजगारी का बढ़ना ही ,
आतंकवाद का जन्मदाता है !
कब तक झेलेगी दुनिया इसको ,
क्या जब तक यह पृथ्वी माता है !!
बेरोजगारी को है ,गर दूर करना ,
तो शिक्षा को बढ़ाना होगा !
करना होगा कुछ ऐसा ,
जनसँख्या को घटाना होगा !!
कब तक गम झेलेगी ये दुनिया ,
इस आतंकवाद के बुरे लहर से !
एक साथ ना होंगे ,हम जब तक ,
ना बच पायेगी ये ,इसके कहर से !!
प्रशांत "पिक्कू"
2nd may 2009
10:00PM
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