Friday, May 8, 2009

क्या है तेरी मर्ज़ी बता ,क्यूँ तुने ये बवाल किया !

उनके साँसों की गर्माहट ने , मुझसे ये प्रश्न किया ,
जब आया , मेरे आगोशों में , तुने कैसा जश्न किया !
उनके बातों के जादू ने ,मुझपे ऐसा वार किया ,
मैं दे बैठा तन मन उनको,और सदा ही उनसे प्यार किया !!

जब भी खोया उनके जुल्फों में खोया ,
नशे में भी डूब गया जब उनके नजरों ने पिलाया !
उनके होठों के हया से ,यूँ मैं ऐसे चुर हुआ ,
देखी शिहरत उनकी जैसे ,मुझको खुद पे गुरुर हुआ !!

हया में डूबी महबूबा ने ,मुझसे ये सवाल किया ,
क्या है तेरी मर्ज़ी बता ,क्यूँ तुने ये बवाल किया !
मैं भी ना रह सकती तुझ बिन ,तुने ऐसा हाल किया ,
वार दूं सब कुछ तुझपे यूँ ही ,तुने ऐसा प्यार दिया !!

प्रशांत"पिक्कू"
04th May 2009
10:40 PM

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