Monday, May 18, 2009

और पायी है चाहत उनकी !

ना तो उनकी सुरत देखी ,
ना ही देखी शिहरत उनकी !
देखा है उनको ख्वाबों में ,
और पायी है चाहत उनकी !!

ख्वाबों में ही एक चेहरा ,
वर्षों से ही घुम रहा है !
पता नहीं उसी का सपना ,
मुझे हर एक पल क्यूँ दिख रहा है !!

सुना है ,अक्सर सपना भी सच हुआ है ,
पर मेरे साथ क्यूँ न अब तक हुआ है !
प्यार करना सपने में मज़ा दे जाती है ,
प्यार करना सपने से सजा दे जाती है !!

जो भी हो ,पर आँखे हर पल ,
उन्ही का सपना दिखाता है !
दुनिया वालों अगर दुआ करोगे .
मेरा भी सपना सच हो सकता है !!

प्रशांत"पिक्कू"
11th May 2009
10:19 PM

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