अपने गम को भुलाकर ,हंस के देख तो जरा ,
अगर जिन्दगी जीने का सच्ची मज़ा न आये तो बताना !
कब तक यूँ ही गम में रोते रहोगे ,
क्या जब तक ये गम देगी जमाना !!
गम देना भी ज़माने का फितरत रहा है ,
इससे दूर नहीं तो ,पास भी ना आना है !
फिर भी गम ने साथ न छोड़ने का वादा किया है ,
तो फिर यूँ ही हंसते हुए ,उनका वादा निभाना है !!
गम को दिखाओ अपने ताकत का अंदाजा ,
की दुनिया का गम बड़ा, या मैं बड़ा !
तेरे हंसी के आगे घुटना टेक कर ,
गम खुद कहेगा ,यार तूं बड़ा !!
फिर गम न फटकेगा तेरे पास ,
जब तक यह जीवन है तेरा !
गम को कह दो बाय बाय ,
फिर देखो , कैसा है जिन्दगी तेरा !!
प्रशांत "पिक्कू"
30th April 2009
00:30 AM
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